Tuesday, January 14, 2020

सूर्य के अशुभ होने के लक्षण और सरल उपाय (surya ashubh ke lakshan our saral upay)


सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव ही नहीं है। शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो जातक की कुंडली में सूर्य के एक अच्छी स्थिति में होने पर जातक को यश, मान, कीर्ति और प्रतिष्ठा वगैरह प्राप्त होता है।
साथ ही अच्छी सेहत और आत्मविश्वास भी सूर्य से प्राप्त होता है।

जिनका सूर्य कमजोर होगा ऐसे जातकों में आत्मविश्वास की कमी होगी उन्हें अपने कार्य के स्थान में यश,कीर्ति और मान-सम्मान मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चाहे वो व्यापार कर रहे हो या स्वयं की कंपनी ही क्यूँ न चला रहे हो या नौकरी कर रहे हो।

जातक को मान-सम्मान नहीं मिलेगा चाहे वह कितना ही अच्छा इंसान हो। कई बार भरी सभा में जातक का अपमान हो जाता है।और हमेशा उनका तिरस्कार होता रहता है। उनपर झूठे आरोप लगाये जाते हैं। अपने ही परिवार से कभी साथ नहीं मिल पाता है।

सरकारी  नौकरी मिलने में कठिनाई होती है अगर मिलती भी है तो चतुर्थ श्रेणी की नौकरी मिलती है।
नौकरी छूट जाने का बार बार खतरा बना रहता हो।

जातक एक जगह टीककर ढंग काम पूरा नहीं कर पाता है। कार्यों में अक्सर बाधाएं आती है। जिस से क्रोध और चिड़चिड़ापन बना रहता है।

पिता से संबंध अच्छे नही रहते हैं और जातक को पिता का  सहयोग नहीं मिलता  या पिता का साया बचपन में ही सिर  से उठ जाता है।

जातक में आरोग्य बल (पाचनतंत्र ) बहुत कमजोर  होता है। शरीर की त्वचा बेजान रूखी रहती है। जातक को कोई रोग बहुत जल्दी पकड़ लेता है लेकिन ठीक देर से होता है। इसमें दिल की बीमारी, पेट और आंख के रोग होने की संभावना बनी रहती है। हड्डियाँ  कमजोर होती हैं।

जातक को नकारात्मकता घेरने लगती है ,जिस कारण डिप्रेशन, सर दर्द और बॉडी बहुत कमजोर महसूस होती है। शरीर में आलस्य बना रहता है।

जातक में हीन भावना होती है या कभी -कभी झूठा अभिमान होता है अर्थात जातक जो होता है उससे कहीं बढ़कर अपने आप को दिखाने की आदत होती है। जातक को बात बात पर झूठ बोलने की आदत होती है।

जिनका सूर्य कमजोर होता है वह कभी भी पूर्ण रूप खुद की जिम्मेदारी निभा नहीं पाते हैं और ना ही पूर्ण रूप से किसीका पालन पोषण कर पाते हैं। ऐसे जातक दूसरों पर निर्भर होते हैं।

यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में सूर्य देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप सूर्य देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
 

अशुभ सूर्य के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-

रविवार के दिन गेहूं, गुड़ और तांबे के बर्तन अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।

रविवार के दिन लाल मूख के बंदरों को गुड़ और गेहूं खिलाएं।

रोजाना उगते हुए सूर्य को गुड पानी में घोलकर सूर्य को अर्घ्य दें इसके साथ सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में कुमकुम, हल्दी, लाल फूल में से कोई एक सामग्री डालकर अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रविवार को करने से सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

गायत्री मंत्र का जाप करे।

विष्णु भगवान की आराधना करें।

पिता और पितातुल्य व्यक्तिओं का सम्मान करें, सुबह सूर्योदय के पूर्व उठने की आदत डालें।

सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए घर की पूर्व दिशा को स्वच्छ साफ-सुथरा रखें ।

खाने में ज्यादा मसालेदार, ज्यादा नमकीन भोजन कम से कम करें। और रविवार के दिन नमक से परहेज करे।

घर से बाहर निकालते वक़्त थोड़ा गुड खाकर उस पर थोड़ा पानी पीकर फिर किसी भी कार्य को जाए।

No comments:

Post a Comment

शुक्र के अशुभ होने के लक्षण और सरल उपाय ( Shukra ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )

शुक्र ग्रह यह सुंदर जीवन साथी, सुख सुविधाओं युक्त जिवन और भोग विलास का कारक है। शुक्र के अशुभ होने पर वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति उत्...