बुध को सभी ग्रहो में राजकुमार कहा गया है. बुध बिजनेस बुद्धि का कारक माना गया है. और आज के समय में बुद्धि ही सबकुछ है. बुद्घि से ही जीवन सब निर्णय लिए जाते हैं. अगर बुद्धि ही काम ना करें तो क्या होगा. इसलिये कुंडली में बुध अच्छा तो सबकुछ अच्छा और बुध खराब तो सब कुछ बर्बाद होने मे ज्यादा समय नहीं लगेगा।
कुंडली में बुध यदि अशुभ अवस्था में हो तो बिजनेस, व्यापार सही से नहीं चल पाता है. व्यापार में जातक को बार बार नुकसान होता है।
हर काम बार बार ऊपर पहुंचकर नीचे गिरता है।
जातक बुद्धि से सही निर्णय नही ले पाता है।
जातक के काम 99% पर आकर अचानक खराब हो जाता है।
ऐसे जातक में वाक्य चातुर्य अर्थात मधुर बोलने की क्षमता नहीं होती है. इसलिये जातक को ज्यादा कटु शब्द बोलने की आदत होती है इस वजह से लोग उसे पसंद नहीं करते है. इसलिये ऐसे जातक के मित्र कम ही होते हैं।
जातक की वाणी मे दोष होता है जिसके कारण जातक तुत्ला या हकलाकर बोलता है. जातक चिडचिडा होता है ज्यादा किसी से मिलजुलकर रह नहीं पता है. जिसके कारण अकेला और उदास रहता है।
ऐसे जातक की अपनी बहन और बुआ से नहीं बनती है. और बहन, बुआ और बेटी का जिवन भी काफी कष्ट पूर्ण होता है।
जातक को स्किन, नसों से संबंधित और आतो से संबंधित रोगों का सामना करना पड़ता है। सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाते हैं। जातक को दांतों से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
बुध ज्यादा बुरा हो तो पागलखाना, जेलखाना या वीराना किसी भी एक की यात्रा करनी पड़ती है।
यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में बुध देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप बुध देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
अशुभ बुध के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-
बुधवार के दिन कासे के बर्तन, साबुत हरे मूंग का दान करें।
बुधवार के दिन 9 से 10 साल के कम उमर की कन्याओं भोजन कराकर हरे वस्त्र का दान करें।
बुधवार के दिन किन्नरों को हरि साड़ी, हरी चूड़ीयां का दान देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे।
बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
बहन , बुआ व बेटियों का सम्मान करें।
किसी भी पार्क में जाकर पक्षियों को दाना डालें।
दुर्गा मां की उपासना करनी चाहिए।
दुर्गा माँ के मंदिर में गेंदे की फूल की माला चढ़ाएं।
बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
शरीर पर चांदी धारण करे।
घर की उत्तर दिशा साफ सुथरी रखे।
मास और अंडा खाने से परहेज करे।
हरे और नीले वस्त्र धारण न करें।
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