Thursday, January 30, 2020

शुक्र के अशुभ होने के लक्षण और सरल उपाय ( Shukra ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )


शुक्र ग्रह यह सुंदर जीवन साथी, सुख सुविधाओं युक्त जिवन और भोग विलास का कारक है।

शुक्र के अशुभ होने पर वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न होने लगती है और इस कलह से अलगाव या तलाक की नौबत भी आ सकती है। 

शुक्र अशुभ होने पर जीवन में धन संपत्ति, सुख - साधन सभी वस्तुओं का सुख नहीं मिल पाता है।
यदि यह सब होने पर भी किसी भी कारण वश आप इन सभी के उपभोग का सुख न ले पाए तो यह भी शुक्र के खराब होने के लक्षण है। 

परिवार में स्त्री के कारण किसी भी प्रकार से धन की हानि हो रही हो तो यह भी खराब शुक्र के लक्षण को दर्शाता है.

व्यक्ति को वैवाहिक जीवन का निजी सुख न मिल पाए, पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता न रहे या दोनों में से किसी की कमी उनकी इच्छा की पूर्ति करने में सक्षम न हो रही हो यह भी शुक्र का ही अशुभ प्रभाव होने का लक्षण है। 

स्त्री को गर्भाश्य से संबंधित रोग परेशान करें या संतति संबंधी परेशानि हो तो यह भी शुक्र की अशुभता का संकेत देते हें। 

शुक्र के पीड़ित होने के कारण व्यक्ति गुप्त रोगों से पीड़ित होने लगता है. शरीर में हमेशा आलस्य भरा रहता है. व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरा ही नहीं कर पाता. शरीर में जोश की कमी रहती है तो यह सब शुक्र के अशुभ होने के लक्षण को दर्शाता है। 

अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठा बेकार हो जाता है। यह भी शुक्र के अशुभ होने के लक्षण है। 


शुक्र को शुभ करने के उपाय - 


शुक्र को शुभ करने के लिए प्रतिदिन घर की पहेली रोटी गाय को अवश्य खिलाए। 

स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। नित्य नहाएं। शरीर को जरा भी गंदा न रखें।

नित्य सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें।

मंत्र : ॐ शुं शुक्राय नम:। नित्य 108 बार जाप करें। 

स्त्री एवं अपनी पत्नी का कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए।

हर शुक्रवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। और कुछ समय गौमाता के पास अवश्य बिताए ताकि उनमे से निकलने वाली शुक्र की सकारात्मक उर्जा आपको मिले। 

शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए सामर्थ्य अनुसार रुई और दही को मंदिर में दान करना चाहिए। 

गरीबो मे बने बनाए कपड़ों का दान करना चाहिए।


गुरु अशुभ होने के लक्षण और उपाय ( guru ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )


नौ ग्रहों में सर्वाधिक शुभता गुरु के पास है. गुरु ग्यान का कारक माना गया है. जन्म कुंडली में यदि गुरु शुभ अवस्था में हो तो जीवन में हर तरह की सुख समृद्धि प्राप्त होती है. बैठे बिठाए कम मेहनत मे ज्यादा धन प्राप्त होता है। जातक के ऊपर दैवीय कृपा होती है और व्यक्ति जीवन में तमाम समस्याओं से बच जाता है।

जन्म कुंडली में यदि गुरु अशुभ अवस्था हो तो किस्मत कभी साथ नहीं देती. जातक सुख समृद्धि के लिए तरसता रहता है।

घर में धन टिक नहीं पाता है. कर्जे पे कर्जा चढ़ता रहता है।

100% काम करने बाद लाभ केवल 10% ही मिलता है. किस्मत बार बार धोका देती है।

जातक में संस्कारों की कमी होती है. बड़े बुजुर्गों से विचार नहीं मिल पाते हैं. जातक को अपने दादा का सुख नहीं मिल पाता है।

जातक का बार बार सोना खो जाता है या चोरी हो जाता है।

पढ़ाई रुक रुक कर पूरी होती है या बीच में ही छूट जाती है. जो भी सीखा पढ़ा हो उसके नुसार लाभ नहीं मिलता है. यानी कि (उदाहरण - जातक ने इंजिनियरिंग की होती है और काम कपड़े बेचने का कर रहा होता है)

जातक के पास ग्यान की कमी होती है. फिर भी खुद को ग्यानवान समझता है और हर किसी को सलाह देने की आदत होती है। बात बात पर टोका टाकी करने की आदत होती है।

जातक को फेफड़े से संबंधित, दमा,मोटापा, सास से संबंधित रोग होने की संभावना होती है। बार बार जातक सर्दी से परेशान रहता है।

ऐसे जातकों में धैर्य की कमी होती है. हर काम, हर निर्णय जल्दबाजी में करने की आदत होती है. जिससे जिवन में काफी धन बर्बाद होता है।

जातक का नीच कर्म की ओर झुकाव रहता है और बड़ों का सम्मान नहीं करता. गाली गलौज करने की आदत होती है। जातक धर्म विरोधी होता है।


यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में गुरु देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप गुरु देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
 

अशुभ गुरु के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-

गुरुवार के दिन किसी भी मंदिर में सामर्थ्य अनुसार चने की दाल चढ़ाकर मंदिर के बुजुर्ग पंडित जी को पीले वस्त्र और कुछ दक्षिणा दान देकर उनके पाव छूकर उनसे सुख समृद्धि का आशीर्वाद लेना गुरु के अशुभता को दूर करता है।

पुखराज, सोना, चने की दाल, पीला कपड़ा, हल्दी, धार्मिक पुस्तक इत्यादि अपने सामर्थ्यअनुसार दान करना चाहिए।

घर के बड़े बुजुर्गो का सम्मान करें उनकी कहना मान कर चले।

अपने माने हुये गुरुओ की सेवा करें।

भगवान शिवजी की आराधना करें क्योंकि शिव ही सबके गुरु है।

नित्य केसर का तिलक नाभि, जुबान और माथेपर लगाए।

गले में सोना धारण करें अगर सम्भव न हो तो पीला धागा धारण करे।

43 दिन एक लौटे जल में थोड़ा दूध और चीनी मिलाकर बड़ के पेड़ में चढ़ाकर फिर वहा की गिली मिट्टी का तिलक करे।

घर की उत्तर-पुर्व (ईशान्य) दिशा साफ सुथरी रखे. वहा पर किसी भी तरह का लोहे का जड सामान, कबाड़, गंदगी न रखें।

किसी मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए।

मंदिर में पीपल का पौधा लगाए।

परस्त्री / परपुरुष से संबंध नहीं रखने चाहिए।

बुध के अशुभ होने के लक्षण और उपाय ( budh ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )


बुध को सभी ग्रहो में राजकुमार कहा गया है. बुध बिजनेस बुद्धि का कारक माना गया है. और आज के समय में बुद्धि ही सबकुछ है. बुद्घि से ही जीवन सब निर्णय लिए जाते हैं. अगर बुद्धि ही काम ना करें तो क्या होगा. इसलिये कुंडली में बुध अच्छा तो सबकुछ अच्छा और बुध खराब तो सब कुछ बर्बाद होने मे ज्यादा समय नहीं लगेगा।

कुंडली में बुध यदि अशुभ अवस्था में हो तो बिजनेस, व्यापार सही से नहीं चल पाता है. व्यापार में जातक को बार बार नुकसान होता है।

हर काम बार बार ऊपर पहुंचकर नीचे गिरता है।
जातक बुद्धि से सही निर्णय नही ले पाता है।
जातक के काम 99% पर आकर अचानक खराब हो जाता है।

ऐसे जातक में वाक्य चातुर्य अर्थात मधुर बोलने की क्षमता नहीं होती है. इसलिये जातक को ज्यादा कटु शब्द बोलने की आदत होती है इस वजह से लोग उसे पसंद नहीं करते है. इसलिये ऐसे जातक के मित्र कम ही होते हैं।

जातक की वाणी मे दोष होता है जिसके कारण जातक तुत्ला या हकलाकर बोलता है. जातक चिडचिडा होता है ज्यादा किसी से मिलजुलकर रह नहीं पता है. जिसके कारण अकेला और उदास रहता है।

ऐसे जातक की अपनी बहन और बुआ से नहीं बनती है. और बहन, बुआ और बेटी का जिवन भी काफी कष्ट पूर्ण होता है।

जातक को स्किन, नसों से संबंधित और आतो से संबंधित रोगों का सामना करना पड़ता है। सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाते हैं। जातक को दांतों से सम्बंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।

बुध ज्यादा बुरा हो तो पागलखाना, जेलखाना या वीराना किसी भी एक की यात्रा करनी पड़ती है।

यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में बुध देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप बुध देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
 

अशुभ बुध के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-


बुधवार के दिन कासे के बर्तन, साबुत हरे मूंग का दान करें।

बुधवार के दिन 9 से 10 साल के कम उमर की कन्याओं भोजन कराकर हरे वस्त्र का दान करें।

बुधवार के दिन किन्नरों को हरि साड़ी, हरी चूड़ीयां का दान देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे।

बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।

बहन , बुआ व बेटियों का सम्मान करें।

किसी भी पार्क में जाकर पक्षियों को दाना डालें।

दुर्गा मां की उपासना करनी चाहिए।

दुर्गा माँ के मंदिर में गेंदे की फूल की माला चढ़ाएं।

बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

शरीर पर चांदी धारण करे।

घर की उत्तर दिशा साफ सुथरी रखे।

मास और अंडा खाने से परहेज करे।

हरे और नीले वस्त्र धारण न करें। 

मंगल के अशुभ होने के लक्षण और उपाय ( mangal ashubh ke lakshan our shubhta ke liye saral upay)


मंगल देव पराक्रम, स्फूर्ति साहस, धैर्य, देश प्रेम, बल, रक्त, दृढ़ता, मंगल कार्य का कारक माना गया हैं। कुंडली में मंगल शुभ अवस्था में हो तो जातक मेहनती, पराक्रमी, बलशाली, देश प्रेमी होता है। 

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ है तो उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

घर में कोई मंगल कार्य नहीं हो पाता. जैसे ही घर में कोई शादी, जन्मदिन, मंगल कार्य होता है. वेसे ही घर में कोई बुरी खबर सुनने को मिलती है।

विवाह में बार बार कोई कोई विघ्न आते हैं और विवाह देरी से होता है।

बच्चे पैदा करने में अड़चनें आती हैं या पैदा होते ही उनकी मौत हो जाती है।

सेहत हमेशा खराब रहती है. पाचनतंत्र हमेशा कमजोर होता है. पेट से संबंधित कोई न कोई दिक्कत लगी ही रहती है। खून से संबंधित रोग विकार होते हैं।

काम करते वक़्त बार बार चोट लगकर खून निकलता है. कोई दुर्घटना से चोट-चपेट लगने के कारण कष्ट होता है।

भाई के साथ कभी नहीं बनती है. भाई और रिश्तेदारों का सपोर्ट कभी नहीं मिलता और उनके साथ कोई न कोई विवाद होता रहता है।

मुसीबत में साथ देने वाले दोस्त काम और धोका देने वाले दोस्त ज्यादा होते है।

जातक का स्वभाव क्रोधी हो जाता है. बात बात पर
किसी से भी झगड़े मार पीट हो जाती है. जिससे कि
घर में हमेशा कलह की स्थिति बनी रहती है।

धन की कमी हमेशा बनी रहती है। खुल के धन कभी नहीं आ पाता।

यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में मंगल देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप मंगल देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
 

अशुभ मंगल के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-

मंगलवार के दिन लाल मसूर की दाल, मिठाई का दान करें।

मंगलवार के दिन हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर चोला चढ़ाये।

हनुमान जी को लाल गुलाब की माला अर्पित करें।

शिवजी की उपासना करें।

श्रीरामरक्षा का पाठ करें।

तन पे ज्यादा से ज्यादा चांदी धारण करें।

तीन धातु तांबा,चांदी,सोना मिश्रित छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करे।

रसोई साफ सुथरी रखे।

दक्षिण दिशा स्वच्छ साफ सुथरी रखें. वहापर किसी भी तरह का कबाड़ न रखें।

भाई से साथ अच्छे संबंध बना कर रखें।

छोटे भाई बहनों का ख्याल रखें।

रसोई में बैठकर भोजन करें।

प्रतिदिन सुबह के समय 10 से 15 मिनट ध्यान करे।

अपने अंदर धैर्य बनाये रखने का प्रयास करें।

Friday, January 17, 2020

चंद्रमा के अशुभ होने के लक्षण और उपाय ( chandrama ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )

चंद्रमा जीवन में बहुत महत्व रखता है चंद्रमा मन, और माता का कारक है। चंद्रमा यदि कुंडली में शुभ स्थिति में हो तो जातक को रुपया-पैसे, प्रॉपटी के सुख मिलाता है। घर में सुख-शांति बनी रहती है। 


कुंड़ली में चद्र अशुभ होने से मन चंचल होता है इस कारण जातक किसी भी जगह पर स्थिर नही रह पाता और नही किसी काम को मन लगाकर कर पाता हैं।

जातक के पास पैसे टिक नहीं पता है। प्रॉपर्टी को लेकर कोई न कोई विवाद लगा ही रहता है। 
घर होते हुए भी उसका कोई सुख मिल नहीं पता है। 

मन की शांति घर की सुख शान्ति भंग रहती है। 
घर में किसी न किसी प्रकार का कलह लगा ही रहता है। 

ऐसे जातक की अपनी माता से नहीं बनती है। माँ से विचार नहीं मिलते और माता को किसी भी प्रकार का कष्ट या स्वास्थ्य की दिक्कत लगी ही रहती है। जातक की माता भी उससे रुष्ट हो जाती है और वो अपनी माँ के सुख की कमी महसूस करता है।


इसके प्रभाव से मानसिक तनाव, मन में घबराहट, मन में तरह तरह की शंका बनी रहती है. व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के विचार भी बार-बार आते रहते हैं |

जातक हमेशा डबल माइंडेड कंफ्यूजन में रहता है। उसका मन हमेशा अशांत, चिडचिडा, नकारात्मक विचारों से घिरा हुआ रहता है। 

मानसिक चिंता व परेशानी, ऐसे में जातक खुद को फंसा फंसा महसूस करता है, उसे समझ नहीं आता कि वो अपनी समस्याओं से कैसे बाहर निकलें। 

दूध देने वाले पशु की मृत्यु हो जाती है। घर में पानी की कमी आ जाती है या नलकूप, कुएं आदि सूख जाते हैं।

अगर किसी व्यक्ति की बायीं आँख अचानक कमजोर हो जाती है तो यह भी चन्द्रमा अशुभ के लक्षण है।


यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में चंद्र देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप चंद्र देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
   

अशुभ चंद्रमा के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-

सोमवार के दिन अपने सामर्थ्यानुसार दूध, चावल शिव मंदिर में चढ़ाये। 

माता का सम्मान करे उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते रहे। 

चावल, चांदी, गंगाजल ज्यादा से ज्यादा घर में संभालकर रखें। 

43 दिन पानी को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।

'ॐ सोम सोमाय नमः' का 108 बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है।

शिवजी की उपासना करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। 

सूर्यास्त के बाद ढूध न पिए।

किसी विधवा स्त्री या विधवा आश्रम जाकर उन स्त्रियों को उनकी जरूरत की चीजे देकर उनके पैर छूकर आशिर्वाद लेते रहे। 

घर की उत्तर-पश्चिम दिशा को साफ-सुथरी रखें।

Tuesday, January 14, 2020

सूर्य के अशुभ होने के लक्षण और सरल उपाय (surya ashubh ke lakshan our saral upay)


सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव ही नहीं है। शास्त्र के अनुसार देखा जाए तो जातक की कुंडली में सूर्य के एक अच्छी स्थिति में होने पर जातक को यश, मान, कीर्ति और प्रतिष्ठा वगैरह प्राप्त होता है।
साथ ही अच्छी सेहत और आत्मविश्वास भी सूर्य से प्राप्त होता है।

जिनका सूर्य कमजोर होगा ऐसे जातकों में आत्मविश्वास की कमी होगी उन्हें अपने कार्य के स्थान में यश,कीर्ति और मान-सम्मान मिलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चाहे वो व्यापार कर रहे हो या स्वयं की कंपनी ही क्यूँ न चला रहे हो या नौकरी कर रहे हो।

जातक को मान-सम्मान नहीं मिलेगा चाहे वह कितना ही अच्छा इंसान हो। कई बार भरी सभा में जातक का अपमान हो जाता है।और हमेशा उनका तिरस्कार होता रहता है। उनपर झूठे आरोप लगाये जाते हैं। अपने ही परिवार से कभी साथ नहीं मिल पाता है।

सरकारी  नौकरी मिलने में कठिनाई होती है अगर मिलती भी है तो चतुर्थ श्रेणी की नौकरी मिलती है।
नौकरी छूट जाने का बार बार खतरा बना रहता हो।

जातक एक जगह टीककर ढंग काम पूरा नहीं कर पाता है। कार्यों में अक्सर बाधाएं आती है। जिस से क्रोध और चिड़चिड़ापन बना रहता है।

पिता से संबंध अच्छे नही रहते हैं और जातक को पिता का  सहयोग नहीं मिलता  या पिता का साया बचपन में ही सिर  से उठ जाता है।

जातक में आरोग्य बल (पाचनतंत्र ) बहुत कमजोर  होता है। शरीर की त्वचा बेजान रूखी रहती है। जातक को कोई रोग बहुत जल्दी पकड़ लेता है लेकिन ठीक देर से होता है। इसमें दिल की बीमारी, पेट और आंख के रोग होने की संभावना बनी रहती है। हड्डियाँ  कमजोर होती हैं।

जातक को नकारात्मकता घेरने लगती है ,जिस कारण डिप्रेशन, सर दर्द और बॉडी बहुत कमजोर महसूस होती है। शरीर में आलस्य बना रहता है।

जातक में हीन भावना होती है या कभी -कभी झूठा अभिमान होता है अर्थात जातक जो होता है उससे कहीं बढ़कर अपने आप को दिखाने की आदत होती है। जातक को बात बात पर झूठ बोलने की आदत होती है।

जिनका सूर्य कमजोर होता है वह कभी भी पूर्ण रूप खुद की जिम्मेदारी निभा नहीं पाते हैं और ना ही पूर्ण रूप से किसीका पालन पोषण कर पाते हैं। ऐसे जातक दूसरों पर निर्भर होते हैं।

यदि इस तरह का कोई भी लक्षण दिखे तो समझ लीजिए कि आपकी जन्म कुंडली में सूर्य देव अशुभ हैं। यदि आप इस अशुभता को दूर करना चाहते हैं तो नीचे बताए गए उपाय करके आप सूर्य देव की अशुभता को दूर कर सकते हैं।
 

अशुभ सूर्य के अनिष्ट को दूर करने के सरल उपाय
:-

रविवार के दिन गेहूं, गुड़ और तांबे के बर्तन अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।

रविवार के दिन लाल मूख के बंदरों को गुड़ और गेहूं खिलाएं।

रोजाना उगते हुए सूर्य को गुड पानी में घोलकर सूर्य को अर्घ्य दें इसके साथ सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में कुमकुम, हल्दी, लाल फूल में से कोई एक सामग्री डालकर अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ रविवार को करने से सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

गायत्री मंत्र का जाप करे।

विष्णु भगवान की आराधना करें।

पिता और पितातुल्य व्यक्तिओं का सम्मान करें, सुबह सूर्योदय के पूर्व उठने की आदत डालें।

सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए घर की पूर्व दिशा को स्वच्छ साफ-सुथरा रखें ।

खाने में ज्यादा मसालेदार, ज्यादा नमकीन भोजन कम से कम करें। और रविवार के दिन नमक से परहेज करे।

घर से बाहर निकालते वक़्त थोड़ा गुड खाकर उस पर थोड़ा पानी पीकर फिर किसी भी कार्य को जाए।

शुक्र के अशुभ होने के लक्षण और सरल उपाय ( Shukra ke ashubh hone ke lakshan our shubhta ke liye saral upay )

शुक्र ग्रह यह सुंदर जीवन साथी, सुख सुविधाओं युक्त जिवन और भोग विलास का कारक है। शुक्र के अशुभ होने पर वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति उत्...